"Asia's largest dam" मिट्टी से बने एशिया के सबसे बड़े बांध

"Asia's largest dam" Sanjay Sarovar Bhimgarh Dam built on Bainganga River in Seoni मध्यप्रदेश में यूं तो तवा और बरगी जैसे अनेक बड़े बांध हैं पर भीमगढ़ बांध की बात ही कुछ और है। प्रदेश के सिवनी जिले में बैनगंगा नदी पर स्थित यह बांध एशिया का सबसे बड़ा मिट्टी का बांध है।

10/11/20241 min read

सिवनी। धार में निर्माणाधीन मिट्टी के बांध में रिसाव ने शासन-प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है, लेकिन सिवनी में 35 साल पहले बना एशिया का सबसे बड़ा मिट्टी का संजय सरोवर भीमगढ़ बांध अब भी पूरी मजबूती के साथ खड़ा है। बैनगंगा नदी के बहाव क्षेत्र में बने बांध में मिट्टी की करीब 42 मीटर (140 फीट) ऊंची दीवार है। जल संसाधन विभाग ने 1972 में बांध निर्माण शुरू किया था, जिसे 1987-88 में पूरा किया था। बांध की कुल लंबाई 3.87 किमी है, जिसमें मात्र 280 मीटर हिस्सा कांक्रीटीकृत किया गया है। इस हिस्से में बांध से पानी निकासी के लिए 10 गेट बनाए गए हैं। बांध के उच्चतम क्षमता तक भरने पर करीब 5536 हेक्टेयर क्षेत्र में पानी का भराव व फैलाव होता है।

पूरी तरह सुरक्षित है बांध:

जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता पीसी महाजन ने बताया कि एशिया का सबसे बड़ा मिट्टी का संजय सरोवर भीमगढ़ बांध पूरी तरह सुरक्षित है। बांध में आवश्यक रखरखाव का कार्य कराया जाता है। दशकों बाद भी बांध के मिट्टी की दीवारें कमजोर नहीं हुई हैं।

कठिन है मिट्टी का बांध बनाना:

लुघ और मध्यम सिंचाई परियोजना के लिए मिट्टी के बांध का निर्माण कराया जाता है। वृहद सिंचाई परियोजनाओं में मिट्टी का बांध बनाना काफी कठिन है। मिट्टी का सबसे बड़ा संजय सरोवर बांध पूरे एशिया में एक नायाब उदाहरण है। बांध बनाने में लाखों घनमीटर मिट्टी-मुरम का उपयोग उस समय किया गया था। भीषण त्रासदी के खतरों को देखते हुए वर्तमान में मिट्टी के बड़े बांधों का निर्माण कम कर दिया गया है। बांध में कई दशकों तक मजबूती बरकरार रखने वर्तमान में बांध का अधिकांश हिस्सा कंक्रीटीकृत तैयार किया जा रहा है। देश व प्रदेश में बने अन्य बांधों की लंबाई अधिक होने पर इसमें मिट्टी की पार का निर्माण किया गया है। लेकिन इसकी उंचाई अधिकतम 15 से 20 मीटर (50 से 65 फीट) तक होती है।

भीमगढ़ बांध में डंप रिपरेप पद्धति का इस्तेमाल:

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बांध के उपयंत्री बीएस चौधरी ने बताया कि भीमगढ़ में बैनगंगा नदी के मुख्य बहाव क्षेत्र को रोकने के लिए मिट्टी का सबसे ऊंचा बांध तैयार किया गया है। 42.67 मीटर उंचा बांध तैयार करने यहां पर 84 लाख घनमीटर मिट्टी-मुरम का उपयोग किया गया है। आम तौर पर मिट्टी के बाद में पानी के वेग और लहरों से होने वाले कटाव को रोकने के लिए फाड़ी पत्थर लगाकर पिचिंग की जाती है।

क्या है डंप रिपरेप पद्धति :

भीमगढ़ बांध में मिट्टी के कटाव को रोकने डंप रिपरेप पद्धति का उपयोग किया गया है। इस पद्धति में फाड़ी पत्थर से पिचिंग करने की बजाए अलग-अलग आकार के पत्थरों का ढेर बांध के किनारे लगा दिया जाता है। इस पद्धति का उपयोग समुद्र किनारे बंदरगाह बनाने में किया जाता है, ताकि समुद्र के प्रचंड वेग से उठने वाली लहरें बंदरगाह का नुकसान ना पहुंचा सकें। यही कारण है कि 35 साल बाद भी एशिया के सबसे बड़े मिट्टी के बांध की दीवारें पूरी तरह सुरक्षित और इसमें कभी भी कटाव देखने को नहीं मिला है। ऐसे बांध जहां पर नदी के बहाव को रोकने कंक्रीटीकृत संरचना का निर्माण कराया जाता है। वह कंक्रीट बांध की श्रेणी में आते है। इसके विपरीत जहां पर बांध का मुख्य हिस्सा मिट्टी, बालू पत्थर से होता है उन्हें मिट्टी के बांध की श्रेणी में रखा जाता है।

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बांध की कुल लंबाई- 3.87 किमी

पानी की संग्रहण क्षमता - 5070 लाख घन मीटर

उधातम क्षमता तक पानी का भराव भरने पर - 5536 हेक्टेयर

पानी निकासी के लिए गेट- 10